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हरियाणा के मंत्री सुभाष सुधा ने कराई अपनी सरकार की ही किरकिरी। हाईकोर्ट के आदेश मानने पर SDO पर गिरी गाज?

सत्य ख़बर,गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज :

गुरुग्राम में बीते बुधवार को हरियाणा प्रदेश के स्थानीय शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने साफ सफाई का जायजा लेने के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया था। इसके बाद उन्होंने शहर की कुछ सेक्टर व समिति की आरडब्ल्यूए के साथ स्थानीय जोन हाल में बैठक कर कई विषयों पर चर्चा की थी। जिसमें एक सबसे बड़ा मुद्दा उनके सामने गुरुग्राम के आयुध डिपो 900 मीटर क्षेत्र में हो रहे ,अवैध निर्माण के संबंध में एक शिकायतकर्ता ने जोन दो एनफोर्समेंट शाखा में तैनात एसडीओ पर घूस मांगने का आरोप लगाया था। इसके संबंध में मंत्री महोदय ने मौखिक तौर पर उसको सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे।
जिसको लेकर शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है, वहीं एक तरफ जहां भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर मंत्री महोदय का सख्त रूप देखकर शहरवासियों में खुशी की लहर दौड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ इस बात की भी मंत्री महोदय को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं, लोगों का कहना था मंत्री महोदय के आने की तथा जनता दरबार लगाना की शहर वासी को कोई सूचना ही थी और ना ही असली पीड़ितों बुलाया गया। कुछ अपने चहेतों को भ्रष्ट अधिकारियों ने बुला लिया था।
निगम क्षेत्र के गांव ग्वाल पहाड़ी के समाज सेवक प्रेम सिंह तंवर ने एक वीडियो जारी कर इस पर कड़ी आपत्ति जताई है, वहीं उन्होंने एसडीओ हितेश के बारे में भी कहा कि मंत्री महोदय ने सस्पेंड के मौखिक आदेश दिए उसकी भी कड़ी निंदा करते है, उनका कहना था कि हितेश जैसे ईमानदार एसडीओ पर ही निगम अधिकारी और मंत्री महोदय गाज क्यों गिरा रहे हैं। तब वह जोन 3 में थे तब भी क्षेत्र के कुछ दबंग भूमाफियाओं ने एक केंद्रीय मंत्री के कहने पर उनकी बदली करवाई थी। अब फिर से उनके ऊपर झूठा आरोप लगवाकर कार्रवाई कराई जा रही है जो जहां सरकार की छवि को ख़राब कर रही है, वहीं भूमाफियाओं के हौसले बुलंद कर रही है। वहीं शहरवासियों में इस बात की भी चर्चाएं थी कि मंत्री शहरी स्वामित्व योजना में हुए गोलमाल की कार्रवाई आज तक क्यों नहीं करवा पा रहे हैं। जिसकी सैकड़ों शिकायतें नीचे से लेकर उच्च अधिकारियों तक पहुंची हुई है।

बता दें कि गत वर्ष अक्टूबर महीने में एसडीओ हितेश दहिया का ज़ोन 3 से तबादला करके जोन 2 में भेजा गया था। जिसमें गुरुग्राम का प्रतिबंधित क्षेत्र आयुध डिपो 900 मीटर आता है, जहां पर किसी भी तरह का निर्माण करना हाई कोर्ट के आदेश से अवैध है। लेकिन फिर भी कुछ रसूखदार, दबंग, भूमाफियाओं ने अपने धन बल के चलते पुलिस प्रशासन भ्रष्ट अधिकारियों पर अपना दबदबा बनाया हुआ है, जहां रातों रात में काफी अवैध निर्माण होते हैं। जिन शिकायतकर्ता ने मंत्री महोदय के सम्मुख एसडीओ पर घुस मांगने का आरोप लगाया है, वह भी इसी प्रकार का एक मामला निकलकर सामने आ रहा है, इसमें एक मैरिज लॉन बनाया जा रहा था, जिसके नोटिस भी अधिकारियों ने दिए थे, वहीं पुलिस में भी मुकदमा दर्ज करने की दरखास्त भेजी थी, लेकिन शिकायतकर्ता की ऊंची पहुंच के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। जिस पर एनफोर्समेंट शाखा ने 15 नवंबर को 900 मीटर में हो रहे उक्त अवैध निर्माण को हाई कोर्ट के आदेश की पालना करते हुए धराशाई किया था, वहीं उसी दिन उसे क्षेत्र को सील भी कर दिया था। जिससे भड़के मैरिज लॉन के संचालको ने अपनी ऊंची पहुंच के चलते एसडीओ को यहां से बदलवा दिया था। और दूसरे किसी अधिकारी से मिली भगत करके अपने मंसूबों में कामयाब होकर मैरिज लॉन बिना किसी रूकावट के खड़ा कर दिया था। जिसपर ना तो पुलिस प्रशासन ने ही कोई कार्रवाई की और ना ही निगम अधिकारियों ने की थी और करीब छह महीने में ही एक आलीशान मैरिज लॉन बना दिया गया। जब फिर से एसडीओ बदलकर जॉन 2 में आए तो उन्होंने पुरानी पेंडिंग फाइलों पर नजर डाली तो काफी गोलमाल नजर आया। वहीं क्षेत्र का निरीक्षण करने पर मिला कि जहां पर उन्होंने पहले तोड़फोड़ व सील लगाई थी, वहां का अब नजारा ही बदला हुआं था। जिस पर कार्रवाई करने का मन एसडीओ ने बना लिया था जिसकी भनक तब संचालकों लगी तो उन्होंने एक साजिश के तहत मामले को उछालना चाह रहे हैं। जिसपर मंत्री महोदय ने भी बिना पुरा मामले की जांच पड़ताल करें ही मौखिक आदेश दे दिए जो की न्याय संगत नहीं है।

क्या कहते हैं एसडीओ हितेश

जब इस बारे में एसडीओ से बात गई तो उनका कहना था कि मुझे एक साजिश के तहत फसाया जा रहा है। मैंने तो केवल कानून की पालना और हाईकोर्ट के आदेश की पालना करते हुए कार्यवाही की थी।

क्या कहते हैं मंत्री सुभाष सुधा

जब इस मामले पर मंत्री सुभाष सुधा से बार-बार उनके मोबाइल कर संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई जवाब ही नहीं दिया, वहीं उनको मैसेज भेज जिसका भी उन्होंने कोई रिप्लाई नहीं दिया। जिससे उनका पक्ष नहीं लिखा जा सकता उनके पीए ने इतना जरूर कहा कि साहब मीटिंग में है।

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